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Anant Chaturdashi 2023: कब है अनंत चतुर्दशी? जानें तिथि, विष्णु पूजा और गणपति विसर्जन का मुहूर्त

By September 21, 2023 Famous Astrologer

Anant Chaturdashi 2023: प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। इस साल अनंत चतुर्दशी 28 सितंबर 2023 को मनाया जा रहा है। इस पर्व को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है। साथ ही इसी दिन दस दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव का समापन भी होता है। इसी दिन शुभ समय में गणेश विसर्जन किया जाता है। गणपति बप्पा के भक्त इस मनोकामना के साथ उन्हें विदा करते हैं ताकि अगले बरस बप्पा फिर उनके घर पधारें और जीवन में सुख और शांति लेकर आएं। देश भर में इस पर्व को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं अनंत चतुर्दशी पर गणपति विसर्जन और भगवान विष्णु की पूजा का मुहूर्त क्या है…

अनंत चतुर्दशी 2023 पर भगवान विष्णु की पूजा का मुहूर्त 

भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 27 सितंबर 2023 को रात 10 बजकर 18 मिनट से हो रही है। इस तिथि का समापन अगले दिन 28 सितंबर को शाम 06 बजकर 49 मिनट पर होगा। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 12 मिनट से शाम 06 बजकर 49 मिनट तक है।
अनंत चतुर्दशी 2023 पर गणपति विसर्जन का मुहूर्त 
28 सितंबर 2023 को अनंत चतुर्दशी वाले दिन गणपति विसर्जन के लिए तीन मुहूर्त हैं। इस दिन सुबह 06 बजकर 11 मिनट से 07 बजकर 40 मिनट तक, सुबह 10 बजकर 42 मिनट से दोपहर 03 बजकर 10 मिनट तक और शाम 04 बजकर 41 मिनट से रात 09 बजकर 10 मिनट तक गणपति विसर्जन का मुहूर्त है। इन मुहूर्त में कभी भी आप बप्पा का विसर्जन कर सकते हैं।
अनंत चतुर्दशी क्यों है खास 
अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु ने 14 लोकों की रक्षा करने के लिए चौदह रूप धारण किए थे, इसलिए यह पर्व खास माना जाता है। इस दिन विष्णु जी के अनंत रूपों की पूजा की जाती है। साथ ही 14 गांठ वाला सूत्र कलाई पर बांधा जाता है।
गणपति विसर्जन

अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश उत्सव का समापन हो जाता है। इस दिन लोग गणपति बप्पा मोरया के जयकारों के साथ गणेश जी की मूर्ति को जल में विसर्जित करते हैं। मान्यता है कि गणेश जी का विसर्जन इसलिए किया जाता है, ताकि अगले बरस फिर से धूमधाम के साथ बप्पा का स्वागत किया जाए।

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