वास्तु के अनुसार कैसी बनाएं किचन?
इन 20 टिप्स को फॉलो करने से होगी धन की वर्षा
किचन से जुड़े कुछ वास्तु के नियमों को ध्यान में रखना जरूरी है जिससे घर में किसी नकारात्मक ऊर्जा का संचार न हो सके।
ऐसी ही कुछ वास्तु से जुड़ी गलतियों से हमारा स्वास्थ्य ख़राब हो सकता है,
आइए ज्योतिषाचार्य राममेहर शर्मा जी से जानते हैं कि वास्तु के हिसाब से किचन में ऐसा क्या करें कि घर में खुशहाली बनी रहे और धन की वर्षा हो।
1. खाना बनाते समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। इसका मतलब हुआ कि किचन का शेल्फ जिस पर हम गैस चूल्हा (किस दिशा में हो किचन और कहां रखें गैस स्टोव) रखते हैं वो ऐसी दिशा में होना चाहिए कि जब हम खाना बनाएं तो हमारा मुख पूर्व दिशा की ओर रहे। आप इसे किचन के आग्नेय कोण यानि किचन के दक्षिण पूर्व दिशा में रख सकते हैं। यदि आप चूल्हा उत्तर दिशा में रखते हैं तो स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं आती हैं।
2. पानी का स्रोत हमेशा उत्तर पूर्व दिशा में होना चाहिए। यदि घर में ऐसा करना संभव नहीं हो तब किचन की उत्तर पूर्व दिशा में पीने का पानी रखें। बर्तन धोने का सिंक भी इसी दिशा में हो। कभी भी आग्नेय कोण में पानी का स्रोत न रखें।
3. गैस स्टोव का बर्नर ख़राब नहीं होना चाहिए। बर्नर की साफ़ सफाई का ध्यान रखें। चूल्हे में माता अन्नपूर्णा का वास होता है। किसी अन्य व्यवस्था से आप यदि खाना बनाती हैं तो उस जगह की साफ़ सफाई की व्यवस्था जरूर रखें।
4.खाना बनाकर हमेशा गैस स्टोव के दाहिनी ओर रखें। ऐसा माना जाता है कि इस दिशा में मां अन्नपूर्णा का वास होता है। बाईं तरफ खाना बनाकर बिलकुल न रखें। इससे आपके परिवार का स्वास्थ्य ख़राब हो सकता है।
5.सिंक के नीचे कबाड़ और कूड़ादान न रखें। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
6.खुले डस्टबिन का इस्तेमाल न करें और डस्टबिन की सफाई का पूरा ध्यान रखें। डस्टबिन ऐसी जगह पर रखें जिस पर आपकी नजर न पड़े, क्योंकि इससे भी नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत होता है।
7.एक ही जगह पर चूल्हा एवं सिंक न रखें, यदि ऐसा है तो बीच में कोई लकड़ी की दीवार बना दें। अगर ऐसा करना संभव न हो तो कोई लकड़ी का पॉट वहां रख दें। अग्नि एवं जल को एक ही लेवल पर ना रखें। बीच में कोई अलग तत्व रख दें।
8.किचन में झाड़ू न रखें क्योंकि किचन में झाड़ू रखने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
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9.किचन में कबाड़ न रखें, जिस चीज की जरुरत न हो आप किसी जरुरत मंद को दे दें या उसे किचन से हटा दें।
10. खाने की थाली को ठीक से रखें। खाना परोसते समय खाने की थाली को किसी मैट, चटाई या टेबल पर सम्मान के साथ रखना चाहिए।
11.भोजन करने के बाद थाली में हाथ न धोएं। ऐसा करने से आपकी सेहत को नुकसान पहुंच सकता है।
12.रात में जूठे बर्तन सिंक में न रखें। इससे राहु का प्रभाव घर के सदस्यों पर पड़ता है, हो सके तो रात में जूठे बर्तन धोकर ही सोएं।
13. किचन में उपयोग में आने वाले इलेक्ट्रिकल सामान यदि ख़राब हैं तो उसको जल्द ठीक कराएं। क्योंकि इससे राहु अपना प्रभाव सबसे पहले घर की गृहणी जो शुक्र (कुंडली में शुक्र ग्रह को कैसे करें मजबूत)होती है उस पर डालने लगेगा। जिससे उसका स्वास्थ्य ख़राब होगा, अस्पतालों पर खर्च बढ़ेगा और घर की बरकत नहीं होगी।
14. किचन में चिमनी लगाएं, एग्जॉस्ट फैन लगाएं और किचन को हवादार रखें। धुआं इकठ्ठा न होने दें। इससे आपका बृहस्पति कमजोर होगा ।
15.किचन की स्लैब काले रंग की न हो, इसे लाइट कलर का रखें। काला रंग नकारात्मक ऊर्जा को दिखाता है।
16. किचन में भगवान की मूर्ति न रखें और मंदिर न बनाएं। किचन में मंदिर रखने से पूजा का शुभ फल नहीं मिलता है।
17. किचन में दवाइयां भी न रखें। इससे दवाई (दवाइयों को रखने की सही जगह) का खर्च तो बढ़ेगा ही साथ ही उनका असर कम हो जाता है और आपकी बीमारी भी ठीक नहीं होगी।
18. यदि आपका किचन बड़ा है तो कोशिश करें की एक बार का खाना आप वहां जरूर खाएं। इससे राहु केतु का प्रभाव कम हो जायेगा।
19.किचन के ऊपर या नीचे बेडरूम नहीं होना चाहिए। इससे स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं उत्पन्न होती हैं। आप किचन के ऊपर या नीचे पैंट्री या लिविंग रूम बना सकते है लेकिन किसी के रहने का कमरा नहीं।
20. मेन डोर के सामने किचन नही होना चाहिए क्योंकि कभी भी अग्नि मेन डोर से नहीं दिखनी चाहिए। इससे दुर्घटना की संभावना अधिक होती है।
किचन से जुड़ी इन वास्तु टिप्स को फॉलो करके आप घर में खुशहाली ला सकती हैं और धन के आगमन को भी बढ़ा सकती हैं।