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सूर्य ग्रहण व इसकी मान्यताये

By December 3, 2021 Blog
Best Astrologer in Delhi

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सूर्य ग्रहण एक महत्वपूर्ण और अनोखी खगोलीय घटना है। जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है और सूर्य व पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो चंद्रमा के पीछे सूर्य कुछ समय के लिए ढक जाता है, इसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है।

जबकि हिंदू धार्मिक मान्‍यताओं के अनुसार, इस समय राहु और केतु की बुरी छाया धरती पर पड़ती है, जिससे ग्रहण लगता है। मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य राहु और केतु द्वारा प्रताड़ित किया जाता है, इसलिए सूर्य कमजोर हो जाता है।

 वैदिक ज्योतिष में, सूर्य ग्रहण का बहुत महत्व है क्योंकि यह एक नए जीवन की शुरुआत जैसा दिखता है। इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर, शनिवार को लगेगा। यह दिन मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या है। यह सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि में अनुराधा और ज्येष्ठ नक्षत्र में लगेगा। वृश्चिक राशि पर सूर्य, चंद्रमा, बुध और केतु का कब्जा रहेगा। सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि में लगेगा जो काल पुरुष कुंडली के आठवें भाव में पड़ता है। यह रहस्य, अज्ञात, अप्रत्याशित परिस्थितियों और बाधाओं का घर है। मंगल भी 5 दिसंबर को वृश्चिक राशि में इन ग्रहों में शामिल होगा। ग्रहों की यह युति जीवन के विभिन्न पहलुओं में बदलाव लाएगी।

मान्यताये

हिन्दू पंचांग के अनुसार सूर्य ग्रहण को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक दृष्टि से ग्रहण लगना शुभ नहीं माना जाता, इसलिए ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए कई तरह के उपाय किये जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। इसी के साथ ग्रहण के दौरान किसी भी तरह के धार्मिक अनुष्ठान पूजा आदि भी नहीं की जाती है। देवताओं की पूजा करने का कोई कार्य नहीं होता है।

सूर्य ग्रहण से संबंधित यह तो एक धार्मिक मान्यता है, लेकिन जिस समय ग्रहण का स्पर्श हो उस समय मोक्ष के समय पुनः स्नान करना चाहिए। सूतक लगाने के बाद मंदिर में प्रवेश करना, मूर्ति को छूना, भोजन करना, यात्रा करना आदि वर्जित है। बच्चे, बुजुर्ग रोगी, तत्काल आवश्यकता में आहार ले सकते हैं। ग्रहण से मुक्ति के बाद पीने का पानी भी ताजा पीना चाहिए। लेकिन ग्रहण के न दिखने की स्थिति में धार्मिक मान्यताओं का पालन करना जरूरी नहीं है। ग्रहों का महत्व होना चाहिए। इसलिए गर्भवती महिलाएं गाय के गोबर का पतला पेस्ट पेट पर लगा सकती हैं। ग्रहण काल ​​में श्रद्धा के साथ श्राद्ध, दान, जप और मंत्र सिद्धि करना अत्यंत फलदायी होता है।

सूर्यग्रहण का समय 

सूर्य ग्रहण की तिथि: 4 दिसंबर, शनिवार

सूर्य ग्रहण का आरंभ: प्रातः11:00 बजे 

सूर्य ग्रहण समाप्त: दोपहर 03:07 मिनट पर

लेकिन भारत में सूर्य ग्रहण नहीं लग रहा है, इसलिए यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा।

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