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काल सर्प दोष

By August 29, 2022 Blog

काल सर्प दोष का नाम आप सबने सुना होगा। कुंडली में इस दोष का नाम सुनते ही व्यक्ति के मन में डर बैठ जाता है।इसमें पहला शब्द है काल, यानि मृत्यु और दूसरा शब्द है – सर्प, जिसका तात्पर्य सांप से है। ज्योतिष के अनुसार कुंडली में कालसर्प दोष को बहुत ही हानिकारक बताया गया है।जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु के बीच में सारे ग्रह आ जाते हैं तब कुंडली में कालसर्प दोष बनता है। कालसर्प दोष लगने से व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कोई भी काम आसानी से नहीं होता। धन की हानि होने लगती है।

ज्योतिष के अनुसार, कुंडली में 12 प्रकार के काल सर्प दोष बनते हैं।

1. अनंत कालसर्प योग

2. कुलिक कालसर्प योग

3. वासुकी कालसर्प योग

4. शंखपाल कालसर्प योग

5. पद्म कालसर्प योग

6. महापदम कालसर्प योग

7. तक्षक कालसर्प योग

8. कर्कोटक कालसर्प योग

9. शंखनाद कालसर्प योग

10. पातक कालसर्प योग

11. विषधर कालसर्प योग

12. शेषनाग कालसर्प योग

काल सर्प दोष के संकेत

1. कालसर्प दोष होने से दुश्मनो की संख्या बढ़ जाती है।

2. व्यक्ति की सेहत ख़राब रहने लगती है।

3. व्यक्ति को बुरे सपने आने लगते हैं जिसमें मृत्यु के सपने, सांपों का सपना दिखाई देना शुरू हो जाता है।

4. व्यापार में लगातार हानि होने लगती है।

5. विवाह में देर होती है।

6. मानसिक एवं शारीरिक कष्ट बढ़ने लगते हैं।

7. पैतृक संपत्तियां धीरे-धीरे नष्ट होने लगती है।

8. धोखा मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

9. बुरे स्वप्न एवं अनिद्रा रोग की समस्या का सामना करना पड़ता है|

10. कोर्ट कचहरी का सामना करना पड़ता है।

कालसर्प दोष दूर करने के उपाय

माना जाता है कि अगर किसी व्यक्ति के ऊपर कालसर्प दोष है तो उसको लगभग 42 वर्ष के बाद ही सफलता प्राप्ति होती है। काल सर्प दोष को दूर करने के लिए ज्योतिष में कई उपाय बताये गए है। भगवान शंकर का मंदिर में रूद्राभिषेक कर नौ प्रकार के नागों की प्रतिमा बना उनको नदी में प्रवाहित करना चाहिए। नागों को प्रवाहित करने के बाद स्नान जरूर करें और अपने पहने हुए वस्त्रों का त्याग कर नवीन वस्त्र धारण करें। इसके बाद नाग स्तोत्र का पाठ करें।

कालसर्प दोष का सर्वोत्तम समय श्रावण मास है। जिनकी कुंडली में कालसर्प दोष है, उसे श्रावण में रुद्राभिषेक अवश्य कराना चाहिए। इसके अलावा और भी छोटे छोटे उपाए है जो किये जा सकते है।

1. चांदी के नाग के आकृति की अंगूठी को उंगली में धारण करें।

2. प्रतिदिन भगवान विष्णु की आराधना करे।

3. शनिवार के दिन बहते हुए जल में कोयला का टुकड़ा प्रभावित करे।

4. शिव मंदिर में सोना, चांदी, तांबा, पीतल धातु से निर्मित नाग-नागिनों के जोड़े चढ़ाए।

5. शिवलिंग पर मिश्री एवं दूध अर्पित करे और साथ ही शिव तांडव स्तोत्र का प्रतिदिन पाठ करना श्रेष्ठ रहता है।

6. अपने घर के मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की मोर पंख वाली मूर्ति का प्रतिदिन पूजा करें।

दिल्ली के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित राम मेहर शर्मा जी का कहना है की यदि आपके जीवन में कोई कोई अनजानी घटनाये हो रही हो और आप मानसिक तनाव में हो तो एक बार अपने कुंडली किसी जानकर पंडित को दिखाए और काल सर्पदोष होने पर उनके बताये हुए उपाए करे क्योँकी प्रत्येक कुंडली की अलग दशाये होती है। अधिक जानकारी के लिए आप अनंतज्ञान वेबसाइट पर विजिट करे या हमारे ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे।

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