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अंकशास्त्र ज्योतिषशास्त्र की तरह ही एक प्राचीन विद्या है। ये दोनों ही एक दूसरे से परस्पर जुड़े हुए हैं। ज्योतिषशास्त्र की तरह ही अंक शास्त्र का भी महत्व है। इस विशेष विद्या के ज़रिये व्यक्ति के भविष्य से जुड़ी जानकारी को हासिल किया जा सकता है। अंक शास्त्र की मदद से किसी व्यक्ति में विधमान गुण, अवगुण, व्यवहार और विशेषताओं के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। अंकशास्त्र, व्यक्तिगत अस्तित्व के सभी पहलुओं को समझने के लिए लागू करते हैं। हमारे प्रेम जीवन, करियर/व्यवसाय, स्वास्थ्य, पारिवारिक जीवन, मित्रता, आध्यात्मिकता, और व्यक्तित्व सभी को गणितीय रूप से समझाया और समझा जा सकता है।
प्रत्येक संख्या अद्वितीय है, अंक ज्योतिष प्रत्येक अंक से संबंधित जातकों के व्यक्तित्व और विशेषताओं को समझने का तरीका है। अपने स्वामी ग्रह के प्रभाव में जातक एक निश्चित तरीके से व्यवहार करता है। अंकों का असर हमारे जीवन में होता है। हर अंक के पीछे कोई न कोई महत्व की बात है जिससे यह ज्ञात होता है कि प्रत्येक अंक के पीछे कोई न कोई तरंग काम कर रही है, जो उस कर्म के उद्देश्य को पूरा करने में हमारी पूरी मदद करती है ।
अंकशास्त्र की विधा भी जनमानस के मन में जगह बना चुकी है और कई लोग अंकों की गणना पर ज्योतिष शास्त्र के समान ही भरोसा करने लगे हैं।
भविष्य से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त करने के लिए अंक ज्योतिष विद्या का ही प्रयोग किया जाता है। अंकशास्त्र के आधार पर आप अपनी योजना बना सकते हैं या काम कर सकते हैं। मूलांक के अलावा आपके जन्म की तारिख, महीने और वर्ष का जोड़ लेकर भी भाग्यांक निकाला जा सकता है, जिससे अपने जीवन के हर साल के बारे में अनुमान लगा कर अपने काम को उसी अनुरूप से ढाल सकते हैं और जीवन को सरल बना सकते हैं।
जिस तरह ज्योतिष हमें ग्रहों और राशियों के संरेखण के अनुसार हमारे व्यक्तित्व और जीवन पथ में अंतर्दृष्टि की अनुमति देता है, अंक ज्योतिष संख्याओं के छिपे हुए अर्थ और हमारे जीवन के लिए उनके महत्व को सिखाता है।
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