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जाने शनि जयंती के बारे में !

By May 28, 2022 Blog

शनि देव का नाम आते ही हमारे मन में एक डर सा आ जाता है। ग्रहों में शनि ग्रह का अपना विशेष ही प्रभाव होता है। भगवान शनि देव को न्यायाधीश या न्याय का देवता माना जाता है। मानव जाति पृथ्वी पर जो भी कर्म करते हैं, मन से, शरीर से या वाणी से वह सभी कर्मों का फल अच्छा होगा या बुरा वह शनि भगवान देते हैं। इसलिए शनि ग्रह से लोग बहुत भयभीत होते हैं। शनि ग्रह को मंदा ग्रह भी कहा जाता है क्योंकि यह अपना परिणाम धीरे धीरे देते हैं।

शनि जयंती तिथि

शनि जयंती हर साल ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। हिन्दू पंचांग में इस वर्ष ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का प्रारंभ 29 मई दिन रविवार को दोपहर 02 बजकर 54 मिनट पर होगा । इस तिथि का समापन अगले दिन 30 मई दिन सोमवार को शाम 04 बजकर 59 मिनट पर होगा । उदयातिथि के अनुसार, शनि जयंती 30 मई को मानी जाएगी। इस दिन शनि मंदिरों में विशेष पूजा अनुष्ठान किये जाते हैं।

शनि जयंती के दिन सुकर्मा योग सुबह से ही रहेगा और यह रात 11 बजकर 39 मिनट तक मान्य होगा । सुकर्मा योग मांगलिक कार्यों के लिए शुभ होता । उसके बाद से धृति योग लगेगा । इस दिन का शुभ समय 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक है ।

शनि जयंती के दिन प्रात:काल में सोमवती अमावस्या का स्नान दान भी होगा। ज्येष्ठ मास की अमावस्या को वटसावित्री व्रत भी रखा जाता है, ऐसा संयोग बहुत दुर्लभ होता है । शनि अमावस्या और सोमवती अमावस्या एक साथ होने से 30 मई को पड़ने वाली शनि जयंती का महत्व और बढ़ जाता है।

शनि जयंती की पूजा कार्यक्रम

शनि जयंती के दिन प्रात: स्नान के बाद शनि देव की पूजा करनी चाहिए। शनि जयंती के दिन उनके पसंद की वस्तुएं पूजा में अर्पित करें । शनि चालीसा का पाठ करें और शनि मंत्रों का जाप करें । शनि देव प्रसन्न होकर आपको जीवन में तरक्की का आशीष देंगे ।

शनि देव के दस नाम मंत्रों का जप करें-

कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।

सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।

इस मंत्र में शनि के 10 नाम हैं। ये नाम हैं कोणस्थ, पिंगल, बभ्रु, कृष्ण, रौद्रान्तक, यम, सौरि, शनैश्चर, मंद और पिप्पलाद।

शनि जयंती के आसान उपाय:

शनि ग्रह लंबी बीमारी, विपत्ति, ऐश्वर्य, मानसिक चिंता, धोखा, छल- कपट, राजनेता , तांत्रिक , पुलिस विस्फोटक सामग्री ,लड़ाई – झगड़े, कोर्ट कचहरी इत्यादि के कारक ग्रह होते हैं। शनि ग्रह से ही व्यक्ति के जीवन में सुख- दुख झेलेगा और उसका मान सम्मान प्रभावित होता है। शनि जयंती को किये जाने वाले उपायों से निश्चय ही शनिदेव प्रसन्न होंगे।

1. सूर्यास्त के बाद किसी मंदिर में पीपल को जल चढ़ाएं, पूजा करें और सात परिक्रमा करें, पीपल के पास तेल का दीपक जलाएं , इस उपाय से धन संबंधी परेशानियां दूर होगी।

2. शनि जयंती के दिन किसी निर्धन व्यक्ति को भोजन कराएं, ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और दरिद्रता दूर होती है।

3. हर शनिवार सुबह तेल का दान करें, इसके लिए एक कटोरी में तेल लें और उसमें अपना चेहरा देखें, फिर तेल का दान किसी जरूरतमंद व्यक्ति करें।

4. हनुमानजी को सिंदूर और चमेली का चढ़ाएं. हनुमान चालीसा का पाठ करें. हनुमान बाबा की पूजा करने वाले को शनि प्रताड़ित नहीं करते है।

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