गीता जयंती हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ श्रीमद भगवद-गीता के जन्म का प्रतीक है। एकादशी तिथि को गीता जयंती मनाई जाती है। गीता जयंती वह दिन है जब भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत युद्ध शुरू होने से पहले कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में अर्जुन को गीता सुनाई थी। श्रीमद भगवद गीता एक 700-श्लोक वाला हिंदू ग्रंथ है जो पहली सहस्राब्दी ईसा पूर्व के उत्तरार्ध का है।
गीता हिंदू धर्म का एक पवित्र ग्रंथ है। गीता के उपदेश में समस्त जीवन का सार छिपा हुआ है। हर वर्ष अगहन के महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर गीता जयंती मनाई जाती है। गीता के उपदेश में मोह के क्षय होने की बात कही है, इसीलिए इस दिन को पड़ने वाली एकादशी को मोक्षदा कहा गया। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मोक्षदा एकादशी तिथि पर ही द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्ध के दौरान अपने शिष्य अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन के मन में महाभारत के युद्ध के दौरान पैदा होने वाले भ्रम को दूर करते हुए जीवन को सुखी और सफल बनाने के लिए उपदेश दिए थे। इस कारण से हर साल मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी पर गीता जयंती के तौर पर मनाया जाता है। । पूरे विश्व में यही एक ग्रंथ है जिसकी जयंती मनाई जाती है और किसी ग्रंथ की जयंती नहीं मनाई जाती है।
एकादशी और गीता जयंती एक ही दिन होने के कारण भक्त इस तिथि पर पूरे दिन उपवास रखते हुए भगवान विष्णु की पूजा आराधना करते है। गीता जयंती के मौके पर आइए जानते हैं गीता का सार, जिनका पालन करने पर व्यक्ति का मोक्ष और शांति की प्राप्ति होती है।
गीता भगवान कृष्ण के उपदेशो का संकलन है। जिसमे चार योगो के बारे में बताया हुआ है , कर्मा, भक्ति, राज और जन योग।
गीता को वेदो और उपनिषदों का सार माना जाता है। जो लोग वेद पुराण नहीं पढ़ पाते , वे सिर्फ गीता के पाठ से ज्ञान की प्राप्ति कर सकते है। गीता में जीवन के सही अर्थ का ज्ञान है। ये हमें परमात्मा के अनंत रूप से रूबरू करती है. इस संसार में दुःख, क्रोध, अहंकार, ईर्ष्या आदि भावनाये व्याप्त है। गीता सत्य और अध्यात्म का मार्ग दिखा कर मोक्ष की प्राप्ति करवाती है।
गीता किसी खास धर्म के लिए नहीं है, ये पूरे जग के कल्याण के लिए है। इससे हर कोई पढ़ या सुन सकता है। इसमें धीरज, संतोष, शांति, मोक्ष और सिद्धि को प्राप्त करने के बारे में उपदेश दिया गया है।
गीता जयंती 2021 तिथि और समय
गीता जयंती 2021 तिथि: मंगलवार, 14 दिसंबर, 2021
एकादशी तिथि शुरू – 09:32 अपराह्न 13 दिसंबर 2021
एकादशी तिथि समाप्त – 14 दिसंबर 2021 को रात 11:35 बजे