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मोक्षदा एकादशी

By December 2, 2022 Blog

हम सब जानते हैं कि एकादशी का व्रत हिंदुओं के लिए कितना खास माना जाता है। हर एकादशी का अपना महत्व होता है, वैसे ही मोक्षदा एकादशी भी खास होती है। एकादशी हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को होती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। जैसा कि नाम है मोक्षदा एकादशी यानि मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी। मोक्षदा एकादशी का व्रत जीवन तमाम परेशानियों को दूर करने वाला माना गया है।
महत्त्व
मोक्षदा एकादशी में जो भी व्यक्ति व्रत और विष्णु पूजा करता है, उसके सभी पाप मिट जाते हैं और मोक्ष का प्राप्त होता है. कहते है उसे जीवन मरण के चक्र से मुक्ति मिल जाती है। ये भी माना जाता है कि इस एकादशी पर भगवान श्रीकृष्ण ने संसार को गीता का उपदेश दिया था, इसलिए मोक्षदा एकादशी के दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है। द्वापर युग में इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में गीता ज्ञान दिया था ये एकादशी व्यक्ति को सांसारिक मोह के बंधन से मुक्ति और पितरों को मोक्ष दिलाने वाली मानी जाती है. हर एकादशी कथा का विशेष महत्व है। व्रत में पूजा के दौरान मोक्षदा एकादशी की कथा के बिना पूजन अधूरा माना जाता है।
मोक्षदा एकादशी पर चीजों का दान करने का भी महत्त्व है। जैसे कि मोक्षदा एकादशी पर जरूरमंदों को गर्म कपड़े या कंबल का दान करें, ये जीवन में सौभाग्य लाता है और व्यक्ति दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करता है।
गरीबों को अनाज का दान करने से समृद्धि में वृद्धि होती है।
एकादशी के दिन किसी जरुरतमंद बच्चों को शिक्षा से संबंधित वस्तुएं दान करने से समाज का कल्याण होता है।
किसी बीमार असहाय व्यक्ति को स्वास्थ संबंधी मदद करने से भी पुण्य प्राप्त होता है।
धातु का दान जैसे लोहे का दान शनिवार को करना अति शुभ फलदायी होता है, इससे आने वाले विपत्ति टल जाती है।
मोक्षदा एकादशी 2022 तिथि
इस वर्ष के हिंदू कैलेंडर के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 03 दिसंबर शनिवार को प्रात: 05 बजकर 39 मिनट पर हो रहा है। इस तिथि का समापन अगले दिन 04 दिसंबर रविवार को प्रात: 05 बजकर 34 मिनट पर होगा। उदयातिथि के आधार पर मोक्षदा एकादशी का व्रत 03 दिसंबर को रखा जाएगा. इस दिन सूर्योदय सुबह 06 बजकर 58 मिनट पर होगी।

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