महाशिवरात्रि भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए विशेष दिन है। महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती विवाह बंधन में बंधे थे। आपकी कोई मनोकामना है या कोई ऐसा कार्य है, जो पूरा नहीं हो पा रहा है तो महाशिवरात्रि के दिन आपको भगवान शिव का रुद्राभिषेक कराना चाहिए।
रुद्राभिषेक में शिवलिंग को पवित्र जल से स्नान कराते हैं और उनका विधिपूर्वक पूजन करते हैं। अलग-अलग मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए अलग अलग वस्तुओं से भगवान शिव का रुद्राभिषेक कराया जाता है।
रुद्राभिषेक करने से लाभ
•जल से अभिषेक करने पर वर्षा होती है।
• असाध्य रोगों रोगों को शांत करने के लिए कुशोदक से रुद्राभिषेक करें।
• भवन-वाहन के लिए दही से रुद्राभिषेक करें।
• लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें।
• धनवृद्धि के लिए शहद एवं घी से अभिषेक करें।
• तीर्थ के जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।
• इत्र मिले जल से अभिषेक करने से बीमारी नष्ट होती है।
• पुत्र प्राप्ति के लिए दुग्ध से और यदि संतान उत्पन्न होकर मृत पैदा हो तो गोदुग्ध से रुद्राभिषेक करें।
• ज्वर की शांति हेतु शीतल जल/ गंगाजल से रुद्राभिषेक करें।
• सहस्रनाम मंत्रों का उच्चारण करते हुए घृत की धारा से रुद्राभिषेक करने पर वंश का विस्तार होता है।
• शकर मिले दूध से अभिषेक करने पर जड़बुद्धि वाला भी विद्वान हो जाता है।
• सरसों के तेल से अभिषेक करने पर शत्रु पराजित होता है।
• शहद के द्वारा अभिषेक करने पर यक्ष्मा दूर हो जाती है।
• पातकों को नष्ट करने की कामना होने पर भी शहद से रुद्राभिषेक करें।
• गोदुग्ध से तथा शुद्ध घी द्वारा अभिषेक करने से आरोग्यता प्राप्त होती है।
• पुत्र की कामना वाले व्यक्ति शकर मिश्रित जल से अभिषेक करें।