fbpx
was successfully added to your cart.

Cart

महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने के फायदे और बेलपत्र तोड़ने के नियम

By February 11, 2023 astrologer, Blog

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। शिवजी की पूजा में बेलपत्र को काफी जरूरी माना जाता है।

बेलपत्र के बिना भगवान शिव की पूजा अधूरी मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, भगवान शिव पर बेलपत्र चढ़ाने से वह प्रसन्न होते हैं।

शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने के फायदे

बेलपत्र चढ़ाने के बाद जल चढ़ाते हुए ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप। करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं.

महिलाएं अगर शिव पूजा के समय बेलपत्र अर्पित करती हैं तो उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

बेलपत्र पर चंदन से राम या फिर ओम नम: शिवाय लिखकर अर्पित करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने के नियम

* शिवलिंग पर हमेशा तीन पत्तियों वाला बेलपत्र अर्पित करना चाहिए और ध्यान रहे कि इसमें कोई दाग या धब्बा ना हो।

* शिवलिंग पर कभी भी कटे-फटे और मुरझाए हुए बेलपत्र नहीं चढ़ाना चाहिए।

* शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से पहले इसे अच्छे से धो लें और पत्ते के चिकने हिस्से को ही शिवलिंग पर चढ़ाएं और पत्ते के रूखे हिस्से को         ऊपर की तरफ रखें।

* शिवलिंग पर आप 11 या 21 की संख्या में बेलपत्र चढ़ा सकते हैं या कम से कम एक बेलपत्र भी चढ़ा सकते हैं।

बेलपत्र तोड़ने के नियम

* बेलपत्र तोड़ने से पहले भगवान शिव का स्मरण करना चाहिए और पत्ते तोड़ने से पहले बेल के पेड़ को नमस्कार करें।

* बेलपत्र को कभी भी पूरी टहनी के साथ नहीं तोड़ना चाहिए।

* बेलपत्र के पत्तों को चतुर्थी, अष्टमी, नवमी तिथियों, प्रदोष व्रत, शिवरात्रि, अमावस्या और सोमवार के दिन नहीं तोड़ते हैं। अगर आपको भगवान शिव को बेलपत्र अर्पित करना है तो आप  इन तिथियों से एक दिन पहले बेलपत्र को तोड़कर रख लें।

Leave a Reply