Bhairav Laxmi Anguthi
₹1,850.00
भैरव लक्ष्मी की अंगूठी के लाभ:-
- भैरव लक्ष्मी की अंगूठी जो गोमेद और लहसुनिया के संगम से बनीं होती है, उसे पहनने से आपकी बौद्धिक क्षमता का विकास होगा और आप अपने व्यापार के लिए सही निर्णय ले पाएंगे।
- जो भी कोई नया व्यापार करना चाहता है, प्रॉपर्टी या शेयर मार्किट में धन लगाना चाहता है, या धन कमाना चाहता है, वो इस भैरव लक्ष्मी अंगूठी को जरूर धारण करें।
- जो लोग व्यापार करते हैं, या उस क्षेत्र से जुड़े हैं उन लोगो के लिए यह भैरव लक्ष्मी अंगूठी किसी वरदान से कम नहीं है।
- इस अंगूठी में राहु और केतु का महाबल होता है, ये अंगूठी किसी भी कंगाल को मालामाल बना सकती है।
- केतु का रत्न है, लहसुनिया और इस अंगूठी में गोमेद और लहसुनिया का मिश्रण होता है, जो अचानक धन लाभ का मार्ग खोलता है।
भैरव लक्ष्मी अंगूठी को कैसे धारण करे:-
इसे धारण करने से पहले २४ या ४८ घंटे पहले इसे एक कटोरी में गंगाजल या कच्ची लस्सी में डूबा कर रखे, किन्तु ध्यान रहे की कच्ची लस्सी में जो दूध उपयोग करे उसे उबाला ना गया हो।आप इस कटोरी को अपने घर में किसी भी स्वच्छ स्थान पर रखें। ध्यान रहे की इस कटोरी को अपने घर के किसी भी शयन कक्ष में बिल्कुल न रखें। अब इस रत्न को धारण करने के दिन प्रात: उठ कर स्नान करने के बाद इसे धारण करना चाहिए। वैसे तो प्रात: काल सूर्योदय से पूर्व का समय रत्न धारण करने के लिए श्रेष्ठ माना जाता है किन्तु आप इसे अपने नियमित स्नान करने के समय पर भी धारण कर सकते हैं। स्नान करने के बाद रत्न वाली कटोरी को अपने सामने रख कर किसी स्वच्छ स्थान पर बैठ जाएं तथा रत्न से संबंधित ग्रह के मूल मंत्र, बीज मंत्र अथवा वेद मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके बाद अंगूठी को कटोरी में से निकालें तथा इसे अपनी उंगली में धारण कर लें।
हमसे क्यों खरीदें:
यह भैरव लक्ष्मी अंगूठी हमारे प्रसिद्ध पंडित राममेहर शर्मा जी द्वारा विशेष रूप से सक्रिय है। जल्द ही ख़रीदे और इसका परिणाम देखें।
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