Radha Krishna Stories 1
अमर प्रेम कहानियों की शुरुआत राधा कृष्ण की प्रेम कहानी से होती हैं किसी ने उनके प्यार को अपना आदर्श माना तो किन्ही ने उनके प्रेम में अपने जीवन को समर्पित कर अपना पति रूप मान लिया, राधा कृष्ण की अमर जोड़ी के सम्बन्ध में कई स्टोरी प्रचलित हैं मगर सभी का सार राधा के निष्पक्ष और समर्पित प्यार पर खत्म होती हैं. आज हम भी राधा कृष्ण की प्रेम लीला की कहानी आपके साथ साझा कर रहे हैं.
बताते है कि एक राजा के रुखमनी नामक कन्या का जन्म हुआ, बड़ी होने पर एक दिन एक राक्षसी ने उन्हें अगवा कर आसमान में ले उड़ी. उस समय राधाजी ने अपनी दैवीय शक्तियों से स्वयं का वजन कई गुणा तक बढ़ा दिया जिससे राक्षसी उन्हें अधिक समय तक थामे न रह सकी, और उसने छोड़ दिया.
आसमान से राधा एक कमल के पुष्प पर गिरी, बाग़ में घूमने आए एक युगल ने उन्हें देखा तो वे अपने घर ले गये. युवावस्था प्राप्त होने पर राधाजी और कृष्ण के बीच सरोवर पर मुलाक़ात ने दोनों को प्रेमी बना दिया. जब भगवान् कंस का वध करने के लिए गोकुल गये तो राधा अकेली रहने लगी. किन्ही कारणों से दोनों का विवाह न हो सका.
कृष्ण ने रुक्मणी जी का एक दिन हरण कर लिया, तथा उन्होंने विवाह कर लिया और राजमहल में रहने लगे. इस तरह उनका वैवाहिक जीवन चलता रहा. कुछ लोग मानते है कि दोनों का विवाह नहीं हुआ, कृष्ण जी की 8 रानियाँ थी, ये समस्त कपोल गढ़ी हुई निराधार बाते हैं जो आदर्श महापुरुष की छवि को खराब करने के लिए प्रसारित की जाती रही हैं.
Radha Krishna Stories 2
राधा कृष्ण के पवित्र प्रेम को लेकर गर्म दूध की कहानी प्रचलित हैं. जिसके अनुसार रुखमणि और कृष्ण के बीच अटूट प्रेम था कृष्ण भी अपार करते थे, इससे राधा की दासियों को इर्ष्या होने लगी. एक दिन सभी दासियों ने एक योजना बनाई तथा राधा के प्यार की परीक्षा की सोची.
वे एक बेहद गर्म पात्र में खौलता हुआ दूध लेकर गयी और राधा को यह कहते हुए पीने को दिया कि इसे कृष्ण ने भेजा है. राधा ने उस गर्म दूध को बिना सवाल किये ही पी लिया. जब दासियाँ वापिस कृष्ण के पास गयी तो वे देखकर अचरज में पड़ गयी कि कृष्ण का पूरा शरीर छालों से भर गया था. इससे गोपियों को विश्वास हुआ कि उनका प्रेम दिखावे का नहीं बल्कि रूह तक हैं.
राधा और कृष्ण का प्यार कैसे हुआ?
प्राप्त जानकारियों के अनुसार जब राधा रानी की उम्र सिर्फ 11 महीने की थी, तब पहली बार उन्होंने श्री कृष्ण भगवान को देखा था अर्थात आप यह भी कह सकते हैं कि 11 महीने की उम्र में राधा रानी की मुलाकात भगवान श्रीकृष्ण से हुई थी। उस समय भगवान श्री कृष्ण को धरती पर पैदा हुए सिर्फ 1 ही दिन हुआ था और उस टाइम उनके जन्म उत्सव को सेलिब्रेट किया जा रहा था।
ऐसा भी कहा जाता है कि जब भगवान श्री कृष्ण के जन्म उत्सव को मनाया जा रहा था, तो अपनी मां कीर्ति के साथ राधा जी भी नंद गांव पहुंची हुई थी और उस टाइम में वह अपनी माता जी की गोद में थी और भगवान श्री कृष्ण झूला झूलने वाले पालने में थे।