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षट्तिला एकादशी 2024 पूजा का शुभ मुहूर्त, महत्व, व्रत पारण का समय और पूजा विधि।

By February 3, 2024 Blog, Blogs

2024 के फरवरी माह की शुरुआत माघ मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि से हो रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल का दूसरा महीना धार्मिक दृष्टि से बेहद खास माना जा रहा है।

षट्तिला एकादशी, मौनी अमावस्या और गुप्त नवरात्रि के साथ वसंत पंचमी, रथ सप्तमी, माघ पूर्णिमा आदि कई प्रमुख व्रत त्योहार पड़ने वाले हैं। षट्तिला एकादशी 2024 का व्रत 6 फरवरी 2024 मंगलवार के दिन रखा जायेगा।

इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान के साथ पूजा करने से मोक्ष के द्वार खुलते हैं, तिल का दान करने से महापुण्य प्राप्त होता है। इस एकादशी व्रत के करने से जन्म-जन्म की निरोगता प्राप्त होती है।

षट्तिला एकादशी 2024 मुहूर्त

हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 5 फरवरी 2024, सोमवार के दिन शाम को 05 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी और 06 फरवरी 2024 मंगलवार के दिन शाम को 04 बजकर 07 मिनट तक समाप्त होगी ।

उदयतिथि के अनुसार षट्तिला एकादशी का व्रत 6 फरवरी 2024 मंगलवार के दिन रखा जायेगा।

 

षट्तिला एकादशी पूजा का मुहूर्त और व्रत पारण समय

06 फरवरी मंगलवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 09 बजकर 51 मिनट से दोपहर 01 बजकर 57 मिनट तक है। षट्तिला एकादशी व्रत के पारण का समय 7 फरवरी 2024 को सुबह 07 बजकर 06 मिनट से सुबह 09 बजकर 18 मिनट तक है।

षट्तिला व्रत का महत्व

हिंदू धर्म षट्तिला एकादशी का बहुत ज्यादा महत्व है। इस व्रत के प्रभाव से घर में सुख-शांति के वास होता है। इस दिन तिल का विभिन्न तरह से इस्तेमाल करके हर कष्ट से छुटकारा पाया जा सकता है। इस व्रत को करने से जातक पर श्री हरि विष्णु की कृपा बनी रहती है।

 

षट्तिला एकादशी पूजा विधि

  • षट्तिला एकादशी व्रत रखने वाले दिन गंध, फूल, धूप दीप, पान सहित विष्णु
    भगवान की षोडशोपचार से पूजन करें।
  • उड़द और तिल मिश्रित खिचड़ी बनाकर भगवान को भोग लगाएं।
  • रात को तिल से 108 बार ”ॐ नमो भगवते वासुदेवाय स्वाहा” मंत्र से हवन करें।
  • रात को भगवान के भजन करें, अगले दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाएं।

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