शारदीय नवरात्र अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। नवरात्रि माँ शक्ति का त्यौहार है। नवदुर्गा यानी दुर्गा शक्ति के नौ रूप। जब आप जीवन में बाधाओं या बौद्धिक अवरोधों का सामना करते हैं, तो देवी के नौ रूप की विशेषताओं के स्मरण मात्र से सहायता प्राप्त होती है। यह त्योहार इस बात का द्योतक है कि मां की ममता जहां सृजन करती है. वहीं, मां का विकराल रूप दुष्टों का संहार भी कर सकता हैI
हम माँ के नौ रूपों की पूजा करते है । हर दिन अलग अलग देवी का होता है। इनका अलग अलग सन्देश होता है। जो की इस प्रकार है-
• शैलपुत्री: शक्ति का प्रवाह हैं
• ब्रह्मचारिणी: प्रकृति का सन्देश
• चंद्रघंटा: विचारों और ध्वनियों की समग्रता
• कुष्मांडा: ब्रह्मांड की सृजनात्मक शक्ति की प्रतीक
• स्कंदमाता: ज्ञान और क्रियाशीलता का साथ
• कात्यायनी: अन्याय और अज्ञानता को मिटाने का संदेश
• कालरात्रि: ज्ञान और तटस्थता का संदेश
• महागौरी: परमानंद और मोक्ष प्रदाता
• सिद्धिदात्री: सभी सिद्धियों की दाता
नवरात्रि के नौ दिनों को बेहद पवित्र माना जाता हैI इस दौरान लोग देवी के नौ रूपों की आराधना कर उनसे आशीर्वाद मांगते हैंI माँ सबका कल्याण करती हैI मान्यता है लोग अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए मन्नत मानते है और ये मन्नते पूरी होती हैI
भक्त नौदिन सुबह शाम पूजा अर्चना भजन उपवास हवन करते है। नवे दिन कन्या पूजन करके उपवास का परं होता हैI पश्चिम बंगाल में मनाये जाने वाला ये मुख्य त्यौहार है। यहाँ दुर्गापूजा बहुत ही धूम धाम से की जाती है। बड़े-बड़े पंडालों में माँ की मूर्ति स्थापित की जाती है और नवे दिन उसका विसर्जन भी धूम धाम से होता है। नवरात्रि में गुजरात और महाराष्ट्र में डांडिया रास और गरबा डांस की धूम रहती है। नवरात्रि पर भक्त मां के आगमन की खुशियां मनाते हैं और एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं।