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हिंदू धर्म में प्रत्येक महीना और उसकी तिथि का अपना एक विशेष महत्व होता है। मार्गशीर्ष महीने की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि अपने आप में बहुत विशेष महत्व रखती है। शास्त्रों में जितना महत्व पूर्णिमा के दिन को बताया है उतना ही महत्व अमावस्या तिथि का भी होता है।
इस दिन स्नान, दान-पुण्य, जप और तप से भी ज्यादा महत्व अमावस्या तिथि में पितृों के निमित्त किए जाने वाले तर्पण को सर्वाधिक श्रेष्ठ माना गया है। भौमवती अमावस्या के दिन हनुमान जी की पूजा करने से संकटों से मुक्ति मिलती है और पितरों का आशीष प्राप्त होता है।
भौमवती अमावस्या 2023 का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 12 दिसंबर 2023 को सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर प्रारंभ होगी और 13 दिसंबर 2023 को सुबह 05 बजकर 01 मिनट पर समाप्त होगी। उदयतिथि के अनुसार भौमवती अमावस्या 12 दिसंबर 2023, मंगलवार के दिन हैं।
भौमवती अमावस्या का महत्व
अमावस्या तिथि का दिन तर्पण व कर्ज से मुक्ति के लिए बहुत खास माना गया है। विष्णु पुराण के अनुसार मंगलवारी अमावस्या पर व्रत रखने से न सिर्फ बजरंगबली बल्कि सूर्य, अग्नि, इंद्र, रूद्र, अष्टवसु, पितर, अश्विनी कुमार और ऋषि तृप्त हो जाते हैं।
भौमवती अमावस्या पर हनुमान जी का प्रभाव रहता है, ऐसे में कर्ज से छुटकारा पाने के लिए इस दिन ऋणमोचक मंगल का पाठ करें। भौमवती अमावस्या पर मंगल के बीज मंत्र या उससे जुड़ी वस्तुओं का दान करने से मंगल दोष दूर होता है। इस दिन व्रत करने पर भगवान विष्णु घर परिवार में सुख शांति का आशीर्वाद देते हैं और पितरों की कृपा बरसती है।