हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी कहते हैं। अजा एकादशी व्रत से अश्वमेध यज्ञ के फल की प्राप्ति होती है। इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु की उपासना करने से साधक को सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। अजा एकादशी का व्रत इस वर्ष 10 सितंबर 2023 रविवार के दिन रखा जायेगा। इस विशेष दिन पर दो अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है।
अजा एकादशी शुभ मुहूर्त 2023
पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 09 सितंबर 2023 शनिवार के दिन शाम को 07 बजकर 17 मिनट पर प्रारंभ होगी और 10 सितंबर 2023 रविवार के दिन रात को 09 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदय तिथि के अनुसार अजा एकादशी का व्रत 10 सितंबर 2023 रविवार के दिन रखा जायेगा।
अजा एकादशी व्रत पारण का समय
अजा एकादशी व्रत का पारण 11 सितंबर 2023 सोमवार दिन को किया जाएगा। व्रत का पारण समय सुबह 06 बजकर 04 मिनट से सुबह 08 बजकर 33 मिनट तक रहेगा।
अजा एकादशी का महत्व
अजा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए बेहद शुभ दिन माना जाता है। इस व्रत के प्रताप से मानसिक, शारीरिक और आर्थिक तीनों लाभ मिलते हैं। पुराणों में कहा गया है कि ग्रहों की अशुभता से मुक्ति पाने के लिए एकादशी व्रत पुण्यफलदायी माना गया है। इस दिन स्थान, दान और तप से हर समस्या का निवारण होता है. एकादशी व्रत का सीधा प्रभाव मन और शरीर दोनों पर पड़ता है।
अजा एकादशी व्रत पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।
- भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
- अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
- भगवान की आरती करें।
- भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग
लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना
तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं। - इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।
- इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।