कछुए वाली अंगूठी को पहनने के पीछे बहुत सारी आम धारणाएं हैं। कछुए वाली अंगूठी को कुछ लोग अपने ऊपर लक्ष्मी की कृपा बनी रहे इसलिए भी पहनते हैं। कुछ ऐसे लोग भी हैं जिन्हें ऐसा लगता है कि कछुए वाली अंगूठी पहनेंगे तो विष्णु की कृपा बनी रहेगी। कछुए वाली अंगूठी को वास्तुशास्त्र में भी काफी महत्त्व दिया गया है।
कछुए को देवी लक्ष्मी के साथ जोड़कर धन बढ़ाने वाला माना गया है। इसके अलावा यह जीव धैर्य, शांति, निरंतरता और समृद्धि का भी प्रतीक है।वास्तु शास्त्र के अनुसार कछुए वाली अंगूठी सामान्यत: चांदी से ही बनी हो। यदि आप किसी दूसरी धातु का प्रयोग करना चाहें जैसे कि सोना या कोई अन्य रत्न, तो कछुए के आकार को चांदी में बनवाकर उसके ऊपर सोने का डिजाइन या रत्न को जड़वा सकते हैं।
दरअसल शास्त्रों में भी कछुए वाली अंगूठी पहनने से मिलने वाले फायदे का विवरण मिलता है। कछुए की अंगूठी पहनने के फायदे को जानकर प्रायः सभी लोग आजकल इसे पहनने लगे हैं।
कछुए वाली अंगूठी के लाभ:
- कछुए वाली अंगूठी का वास्तुशास्त्र में भी अत्यंत महत्व माना गया है। कछुए वाली अंगूठी पहनने से व्यक्ति में आत्मविश्वास और उर्जा का संचार अत्यधिक होता है।
- धन लाभ के लिए भी कछुए वाली अंगूठी पहनना अच्छा माना गया है।
- ऐसी मान्यता है कि कछुए वाली अंगूठी पहनने से माता लक्ष्मी प्रसन्न रहती हैं।
- कछुए वाली अंगूठी पहनने से शरीर में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है।
- इस कछुए वाली अंगूठे को उन्नति का प्रतीक भी माना जाता है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि इस अंगूठी को पहनने से उन्नति के मार्ग भी खुलते हैं।
- दिल्ली में प्रसिद्ध ज्योतिषी की मानें तो कछुए वाली अंगूठी को धारण करने से कुंडली में बैठे अशुभ ग्रहों से छुटकारा मिल जाता है।