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विनायक चतुर्थी

By June 1, 2022 Blog

भगवान श्री गणेश को सभी देवी देवताओं में सबसे पहला स्थान प्राप्त है। किसी भी शुभ काम से पहले श्री गणेश का नाम लिया जाता है। भगवान गणेश समृद्धि, ज्ञान और सौभाग्य के प्रतीक हैं। उन्हें बाधाओं को दूर करने वाला और विद्या का स्वामी भी माना जाता है। भगवान गणेश को 108 अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे गजानन, विनायक, विघ्नहर्ता।

विनायक चतुर्थी का महत्व

हिंदू शास्त्रों में, चतुर्थी तिथि भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र भगवान गणेश से संबंधित है। हिंदू कैलेंडर में प्रत्येक चंद्र माह में दो चतुर्थी तिथियां (चौथा दिन) होती हैं, अर्थात् विनायक चतुर्थी और संकष्टी चतुर्थी। विनायक चतुर्थी चंद्र मास में शुक्ल पक्ष के दौरान अमावस्या या अमावस्या के बाद आती है, जबकि संकष्टी चतुर्थी हर महीने कृष्ण पक्ष के दौरान पूर्णिमा या पूर्णिमा के बाद आती है।

यह दिन हिंदू समुदाय के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वे बाधा मुक्त जीवन के लिए इस पूजा को करते हैं क्योंकि गणेश को विघ्न हरता के रूप में जाना जाता है, जो ‘बाधाओं को दूर करने वाला’ है। इस देवता की पूजा से समृद्धि, बुद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

विनायक चतुर्थी पूजा मुहूर्त

इस बार जून में विनायक जयंती 3 जून को है। 3 जून को चतुर्थी तिथि रात 12.17 पर लग जाएगी और रात को 2.41 तक रहेगी। पूजा के लिए शुभ समय 10.56 से 1.43 है। इस मुहूर्त में गणेश जी की पूजा करना काफी शुभ होगा।

विनायक चतुर्थी पूजा विधि

विनायक चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठ कर नित्य कर्म से निवृत होकर भगवन श्री गणेश से प्राथना करे व व्रत का संकल्प करें। भगवन श्री गणेश के पूजन सामग्री में लाल फूल, मोदक, दूर्वा, अक्षत्, चंदन, लड्डू, धूप, दीप, गंध , लाल सिन्दूर आदि रखे। भगवान गणेश को सिंदूर बेहद प्रिय है, इसलिए विनायक चतुर्थी के दिन पूजा करते समय गणेश जी को लाल रंग के सिंदूर का तिलक लगाएं और स्वयं भी तिलक लगाएं। साथ ही सिंदूर चढ़ाते समय नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें-

“सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्।

शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्”

गणेश जी को मोदक, दूर्वा और बाकि सामग्री चढ़ा दें। जो लोग व्रत रखते हैं, व्रत कथा का पाठ करें। इसके अलावा पूरे दिन फलाहारी व्रत रखकर अगले दिन व्रत का पारण करें। पारण के दिन सुबह पुनः भगवान गणेश जी की विधिवत पूजा करें। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त गणेश की पूजा करते हैं, उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। तो, विनायक चतुर्थी का मुख्य सार यह है कि जो भक्त उनकी पूजा करते हैं, वे पापों से मुक्त हो जाते हैं और यह उन्हें ज्ञान के मार्ग पर ले जाता है।

यदि आप विधि विधान से श्री गणेश का पूजन करना चाहते है तो दिल्ली के प्रसिद्ध ज्योतिष राम मेहर शर्मा जी से संपर्क कर सकते है। भगवन श्री गणेश आप सब जी मनोकामनाये पूर्ण करें!

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