fbpx
was successfully added to your cart.

Cart

सीता नवमी पर होंगी सभी मुरादें पूरी।

By May 9, 2022 Blog

सीता नवमी, जिसे ‘सीता जयंती’ या ‘जानकी नवमी’ के रूप में भी जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण हिंदू अनुष्ठान है जो देवी सीता को समर्पित है, जिनका विवाह भगवान राम से हुआ था। यह दिन देवी सीता के जन्म दिवस को मनाता है। सीता नवमी हिंदू भक्तों के लिए बहुत धार्मिक महत्व रखती है। ऐसा माना जाता है कि देवी सीता देवी लक्ष्मी का अवतार हैं। वह सभी नश्वर और अन्य जीवित प्राणियों की मां के रूप में जानी जाती हैं। देवी सीता राजा जनक की दत्तक पुत्री थीं और उन्हें ‘जानकी’ के नाम से भी जाना जाता था। हिंदू कैलेंडर के अनुसार ‘शुक्ल पक्ष’ ‘नवमी’ (नौवां दिन) तिथि को ‘वैशाख’ के चंद्र महीने में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि देवी सीता का जन्म पुष्य नक्षत्र के दौरान हुआ था। पुरानी मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम का जन्म भी ‘चैत्र’ महीने में उसी तिथि पर हुआ था और राम नवमी का उत्सव सीता नवमी से एक महीने पहले होता है। विवाहित हिंदू महिलाएं इस दिन श्रद्धापूर्वक देवी सीता की पूजा करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र और सफलता के लिए उनका आशीर्वाद लेती हैं। सीता नवमी पूरे भारत में अपार हर्ष और उल्लास के साथ मनाई जाती है।

सीता नवमी के दौरान अनुष्ठान:

सीता नवमी पर, हिंदू भक्त विशेष रूप से विवाहित महिलाएं भगवान राम और लक्ष्मण के साथ देवी सीता की पूजा करती हैं। एक छोटा पूजा मंडप स्थापित किया जाता है और रंग-बिरंगे फूलों से सजाया जाता है। इस मंडप में भगवान राम, देवी सीता के साथ लक्ष्मण, राजा जनक और माता सुनयना की मूर्तियां स्थापित किया जाता है। जैसे की देवी सीता एक जोत वाली भूमि से निकली, इस दिन देवी पृथ्वी की भी पूजा की जाती है। सीता और भगवान राम की एक साथ पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। भक्त तिल (तिल), चावल, जौ और फलों के रूप में विभिन्न प्रसाद बनाकर पूजा करते हैं। इस अवसर के लिए विशेष ‘भोग’ तैयार किया जाता है जिसे आरती के बाद प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।

इस दिन पूरे देश में भगवान राम और जानकी मंदिरों में विशेष अनुष्ठान और पूजा-अर्चना की जाती है। इन सभी मंदिरों में श्रृंगार दर्शन, महा अभिषेकम और आरती जैसे अनुष्ठान किए जाते हैं। रामायण के पाठ, उसके बाद भजन कार्यक्रम भी विभिन्न स्थानों पर आयोजित किए जाते हैं। कुछ मंदिर रथ पर अपने देवता की मूर्तियों के साथ जुलूस भी निकालते हैं, जबकि ‘जय सिया राम’ का जाप करते हैं और पूरे रास्ते भक्ति गीत गाते हैं।

शुभ मुहूर्त एवं तिथि

इस वर्ष सीता नवमी मंगलवार, 10 मई 2022 को मनाई जाएगी।

नवमी तिथि 09 मई, 2022 शाम 6:32 बजे शुरू होगी

नवमी तिथि समाप्त 10 मई, 2022 शाम 7:25 बजे

सीता नवमी पूजा मुहूर्त 10 मई, 11:05 पूर्वाह्न – 10 मई, 1:41 अपराह्न

सीता नवमी मध्याह्न क्षण 10 मई, 2022 दोपहर 12:23 बजे

Leave a Reply