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सावन की शिवरात्रि

By July 25, 2022 Blog

महाशिवरात्रि तो आप सब जानते होंगे लेकिन यहाँ हम बात कर रहे है सावन की शिवरात्रि की। हिंदू पंचांग में हर साल में 12 शिवरात्रि होती हैं, लेकिन इनमें से दो शिवरात्रि का खास महत्व दिया जाता है। इनमें सबसे प्रमुख फाल्गुन मास की शिवरात्रि मानी जाती है, जिसे महाशिवरात्रि भी कहा जाता है। वहीं इसके अतिरिक्त दूसरी महत्वपूर्ण शिवरात्रि सावन की मानी जाती है। सावन माह सोमवार और सावन शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। सावन शिवरात्रि में हर जगह हर-हर महादेव की गूंज सुनाई देती हैं। कुछ लोग तो इस महीने में नंगे पांव चलकर भोलेनाथ को जल चढ़ाने जाते हैं।
सावन शिवरात्रि का महत्त्व
इस दिन विधि-विधान से शिव जी की पूजा की जाती है। सनातन धर्म में सावन मास की महिमा का वर्णन किया गया है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों पर महादेव जल्दी प्रसन्न होते हैं और उन्हें उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। शिव जी की कृपा जी लोगों पर होती है, उनके जीवन में कभी भी सुख समृद्धि की कमी नहीं होती। इस दिन भगवान शिव की आराधना से मंगल दोष भी दूर किया जा सकता है। सावन शिवरात्रि का व्रत रखने और भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा करने वाले भक्तों की सभी मनोमनाएं पूरी होती हैं। इस दिन व्रत करने से मुश्किल कार्य आसान हो जाते हैं और व्रती की सारी समस्याएं दूर होती है। शास्त्र के अनुसार अनुसार सावन माह में शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से कुंवारी कन्याओं को मनोवांछित वर प्राप्त होता है।

पूजन विधि
सावन शिवरात्रि के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें और फिर भगवन भोलेनाथ के सामने व्रत का संकल्प लें। इसके बाद घर में या किसी मंदिर में जाकर भगवान शिव की पूजा करें। शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, घी, दूध, शक्कर, शहद, दही आदि से करें। शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं। भगवान शिव की धूप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें। साथ ही शिव पुराण, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा और शिव श्लोक का पाठ करें। शाम के समय फलाहार ग्रहण करें। भोलेनाथ के साथ-साथ मां पार्वती की पूजा करने से संपूर्ण फल की प्राप्ति होती हैं।
सावन शिवरात्रि 2022 तिथि :
सावन शिवरात्रि तिथि- 26 जुलाई 2022, दिन मंगलवार
चतुर्दशी तिथि आरंभ- 26 जुलाई 2022, मंगलवार शाम 06 बजकर 46 मिनट से
चतुर्दशी तिथि समाप्त- 27 जुलाई 2022, बुधवार रात 09 बजकर 11 मिनट पर
26 तारीख को शाम में भद्रा भी रहेगी ऐसे में शिवजी का अभिषेक करने के लिए उत्तम समय शाम 7 बजकर 24 मिनट से रात 9 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा सूर्योदय से 2 घंटे 44 मिनट तक का समय 26 और 27 जुलाई को जलाभिषेक के लिए उत्तम रहेगा।

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