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सावन शिवरात्रि

By July 26, 2021 Blog, Blogs
Astrologer in Delhi NCR

भगवान भोलेनाथ को सावन मास अति प्रिय है। सावन मास भोले के भक्तो में एक अलग ही अनुभूति लाता  है  व भक्ति जगाता है। चारो तरफ बारिश से हरियाली छायी होती है और ओंकार की ध्वनि से पूरा माहोल शिवमय होता है। दिन भर शिवालय में भक्तो की भीड़ लगी रहती है। सावन शिवरात्रि का भी अपना ही महत्व है, हर वर्ष कुल 12 शिवरात्रि मनाई जाती है लेकिन सबसे खास 2 शिवरात्रि होती हैं – महाशिवरात्रि और सावन की शिवरात्रि। ये दोनों शिवरात्रियां मनुष्य के सारे पाप धो देती हैं। ये शिवरात्रियां शादी के योग बनाती है, दाम्पत्य जीवन को सुखी बनाती हैं और सभी प्रकार के पापों का नाश करती हैं। भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों की सभी मुरादें पूरी करते हैं।

सावन शिवरात्रि का महत्व- 

सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने विशेष महत्व होता है। सावन शिवरात्रि वाले दिन भक्त व्रत भी रखते हैं। माना जाता है कि सावन शिवरात्रि व्रत को करने से व्यक्ति के सभी दुखों का नाश होता है। वहीं एक मान्यता ये भी है कि इस दिन व्रत रखने से अविवाहित लोगों को मनचाहा वर या वधु मिलता है। शादीशुदा जातक भी अपने जीवन में खुशियां बनाए रखने के लिए इस व्रत रखते हैं। सावन माह में मां मंगला गौरी व्रत भी है। जिस दिन माता पार्वती के गौरी रूप की पूजा की जाती है।

सावन शिवरात्रि पूजा की तिथि- 

सावन मास आरंभ: 25 जुलाई 2021, रविवार से

सावन सोमवार तिथि: 26 जुलाई, 2 अगस्त, 9 अगस्त और 16 अगस्त

सावन शिवरात्रि तिथि: 6 अगस्त 2021, शुक्रवार, चतुर्दशी तिथि सावन शिवरात्रि शुक्रवार को शाम 6 बजकर 28 मिनट से शुरू होगी और 7 अगस्त 2021 की शाम 7 बजकर 11 मिनट तक रहेगी।

शुभ मुहूर्त

निशिता काल पूजा मुहूर्त आरंभ- 7 अगस्त 2021, शनिवार की सुबह 12 बजकर 06 मिनट से

निशिता काल पूजा मुहूर्त समाप्त- 7 अगस्त 2021, शनिवार की दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक

शिवरात्रि व्रत पारण मुहूर्त- 7 अगस्त की सुबह 5 बजकर 46 मिनट से दोपहर 3 बजकर 45 मिनट तक

सावन शिवरात्रि पूजा विधि

चतुर्दशी तिथि की सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और स्वयं को शुद्ध कर लेना चाहिए। – मंदिर या घर पर शिव जी की मूर्ति स्थापित कर पूजा करनी चाहिए और उनपर पंचामृत जल अर्पित करना चाहिए। भगवान भोलेनाथ को धूप दीप बाती दिखाएं भोले शंकर के मंत्रों का उच्चारण करते हुए उन्हें 1001 बेलपत्र अर्पित करें शिव जी पर जल, दूध, दही, शहद, घी, चीनी, इत्र, चंदन, केसर, भांग, धतूरा, गंगाजल, भांग, सफेद फूल, सफेद चंदन, धूप आदि अर्पित करना चिहाए। इसके बाद शिव चालीसा व आरती करनी चाहिए। इस विधि द्वारा यदि आप पूजा करते हैं तो वह सफल होती है और आपको इसका फल भी मिलता है।

सावन शिवरात्रि में रुद्राभिषेक का महत्व

रुद्राभिषेक भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने का सबसे सरल तरीका है  लेकिन अभिषेक करने से पहले शिवलिंग का स्पर्श करते हुए शिव का ध्यान मंत्र बोलें I

भगवान शिव का जल से अभिषेक करने से मानसिक और शारीरिक ताप दूर होता है। शहद और गन्ने के रस से अभिषेक करने पर धन की प्राप्ति होती है। अभिषेक के बाद शिवजी को चंदन का तिलक लगाएं, बेलपत्र और धतूरा अर्पित करें। अगर शिवलिंग ना हो तो मिट्टी का शिवलिंग बनाकर अभिषेक करें। शिवपुराण में बताया गया है कि मिट्टी से शिवलिंग बनाकर पूजन अर्चन करने वाला स्वर्ग को जाता है।

शिवजी का अभिषेक पूजन करने के बाद शिवजी का स्मरण करें और व्रत का संकल्प लें कि भगवान शिव आपके व्रत को पूर्ण करें और मनोकामना पूरी करें।

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