
मकर संक्रांति हिंदुओं का खास पर्व है। इस दिन लोग भगवान सूर्य की उपासना पूरी श्रद्धा के साथ करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पौष माह में जिस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, उस दिन ही मकर संक्रांति मनाई जाती हैं। यह हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है। कभी-कभी तिथि आगे पीछे होने के कारण यह पर्व पर 15 जनवरी को भी मनाया जाता है।
मकर संक्रांति मनाने के कारण
मकर संक्रांति मनाने की एक पुरानी कथा भी प्रचिलित है। जिसके अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर उनसे मिलने जाते हैं। शनि मकर और कुंभ राशि का स्वामी हैं, इसलिए इस पर्व को पिता पुत्र के मिलन का पर्व माना जाता हैं।
दूसरी कथा के अनुसार इसी दिन भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक पर असुरों का संहार कर उनके सिर को काट कर मंदार पर्वत पर गाड़ दिया था। भारत में मकर संक्रांति को कुछ जगहों पर उत्तरायण कहा जाता है।
यूपी, पंजाब, बिहार और तमिलनाडु में यह दिन नई फसल काटने के तौर पर मनाया जाता हैं।
विभिन्न नाम
मकर संक्रांति का पर्व देशभर में अलग अलग नामों से भी मनाया जाता है. त्योहार को यूपी में खिचड़ी, हरियाणा और पंजाब में सकट, एमपी में सुकरत, असम और पश्चिम बंगाल में भोगली बिहू, तमिलनाडु में पोंगल, आंध्र और कर्नाटक में संक्रांति और राजस्थान और गुजरात में उत्तरायण के रूप में जाना जाता है।
महत्व
उत्तर भारत में लोग भगवान सूर्य के प्रति बहुत धार्मिक उत्साह और भक्ति के साथ संक्रांति मनाते हैं।शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति के बाद से ही सभी शुभ कार्य प्रारंभ किए जा सकते हैं। इस दिन गंगा नदी में स्नान करना, व्रत करना, दान पुण्य या भगवान सूर्य की उपासना करना बेहद शुभ होता हैं। इस दिन यदि व्यक्ति शनि देव के लिए दीप दान करें, तो बेहद लाभ हो सकता हैं। मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड़ खाने का विशेष महत्व होता हैं। मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की भी परंपरा है। इस शुभ दिन पर हरिद्वार, बनारस और इलाहाबाद जैसे तीर्थ स्थानों पर भक्तों की भारी भीड़ देखी जाती है।
मकर संक्रांति पर सूर्य देव उत्तरायण होते है। इस दिन से ही ऋतु में परिवर्तन आरंभ हो जाता है. मकर संक्रांति से सर्दी में कमी आने लगती है यानि शरद ऋतु के जाने का समय आरंभ हो जाता है और बसंत ऋतु का आगमन शुरू हो जाता है। मकर संक्रांति के बाद ही दिन लंबे रातें छोटी होने लगती हैं।
मकर संक्राति- शुभ मुहूर्त
तिथि – 14-01-2022
मकर संक्राति पुण्य काल – दोपहर 02:43 से शाम 05:45 तक
मकर संक्राति महा पुण्य काल – दोपहर 02:43 से रात्रि 04:28 तक