संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश के साथ-साथ माता चौथ का पूजन भी किया जाता है. आने वाली 9 फरवरी के दिन संकष्टी गणेश चतुर्थी पड़ रही है. फाल्गुन मास में पड़ने वाली इस चतुर्थी का शुभारंभ सुबह 6 बजकर 23 मिनट पर होगा और अगले दिन 10 फरवरी सुबह 7 बजकर 58 मिनट तक रहेगा. माना जाता है कि ऐसा करने पर घर में सुख का माहौल बनता है और जीवन के कष्ट भी कम होने लगते हैं.
संकष्टी चतुर्थी व्रत को कोई भी रख सकता है लेकिन सुहागिन महिलाओं के इस व्रत को रखने की विशेष मान्यता होती है और परिवार की खुशहाली के लिए सुहागिनें ही अधिकतर इस व्रत को रखती हैं.
इस दिन पूजा करने के लिए सुबह उठकर स्नान किया जाता है. इसके पश्चात सूर्यदेव को अर्घ्य देते हैं और व्रत का संकल्प लेते हैं. इसके बाद व्रत रखने वाला व्यक्ति ही गणेश भगवान की प्रतिमा या मूर्ति को फूलों से सजाता है. बप्पा को इसके बाद रोली, चंदन, फूल और जल आदि चढ़ाए जाने के बाद तिल और मोदक का भोग लगाया जाता है. आखिर में पूजा करने के दौरान गणेश आरती (Ganesh Aarti) और मंत्र का उच्चारण होता है.
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