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सफला एकादशी 2022

By December 17, 2022 Blog
सफला एकादशी

सफला एकादशी

एकादशी का व्रत भगवन विष्णु को अत्यधिक प्रिय है। एकादशी व्रत रखने से व्यक्ति को भगवान विष्णु की विशेष कृपा मिलती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूरे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करने से व्यक्ति को जीवन में सुख समृद्धि मिलती है। साल की आखिरी एकादशी पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार सफला एकादशी 19 दिसंबर 2022 के दिन पड़ रही है।

ज्योतिषचार्य राम मेहर शर्मा के अनुसार इस दिन व्रत रखने से भक्तों के सभी दुख दूर हो जाते हैं और भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इस दिन किये गए हर उपाय सफल होता है इसलिए सफला एकादशी के दिन मोनाकामना पूर्ति के लिए उपाय का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत रखने से भक्तों को धन, कारोबार में लाभ और संतान प्राप्ति होती है।

मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत या जागरण करने से व्यक्ति इस लोक में यश पाकर अंत में मोक्ष प्राप्त करता है। मान्यताओं के अनुसार, हजारों वर्ष तक तप करने से जो फल प्राप्त होता है वह इस एक सफला एकादशी का व्रत और जागरण करने से प्राप्त हो जाता है।

सफला एकादशी 2022 शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार सफला एकादशी तिथि का आरंभ: 19 दिसंबर 2022 को सुबह 03 बजकर 32 मिनट
समापन : 20 दिसंबर प्रातः 02 बजकर 32 मिनट पर
व्रत पारण का समय : 20 दिसंबर 2022 सुबह 8 बजकर 5 मिनट से लेकर 9 बजकर 4 मिनट तक

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, एकादशी का पारण सूर्योदय के 2 घंटे के अंदर कर लेना चाहिए । एकादशी व्रत को प्रात: संकल्प लेकर शुरु करें और रात के समय जागरण करके यदि व्रत का पारण किया जाए तो यह बहुत ही उत्तम फलदायी माना जाता है। इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना बहुत ही लाभकारी रहता है।

सफला एकादशी पूजा विधि

एकादशी के दिन सुबह और शाम के समय भगवान विष्णु की पूजा उपासना की जाती है। इस दिन सुबह नित्य कर्म से निवृत होकर भगवन की पूजा की चौकी लगाए या जहाँ पूजा करनी हो वो स्थान साफ़ करें। फिर भगवन से व्रत का संकल्प करें ,जब भगवान विष्णु की पूजा करें तो अपने मांथे सफेद चंदन या गोपी चंदन जरुर लगाएं।

भगवान विष्णु की पूजा उपासना के लिए पंचामृत जरुर बनाए। इसके बाद पंचामृत, और कोई भी मौसमी फल अर्पित करें। सुबह दिपक जलाकर व्रत का संकल्प लें और एकादशी व्रत की कथा जरुर पढ़ें। व्रत पूरा करके अगले दिन पारण करे। इस प्रकार सफल एकादशी का व्रत पूरा करें।

 

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