सनातन धर्म में एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है। विजया एकादशी का व्रत हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है।
इस व्रत को रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। यदि आपको किसी विशेष कार्य में सफलता प्राप्त करनी है तो विजया एकादशी का व्रत अवश्य रखना चाहिए।
विजया एकादशी का शुभ मुहूर्त
हिन्दू पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 6 मार्च 2024 बुधवार के दिन सुबह 6 बजकर 31 मिनट पर प्रारम्भ होगी
और 7 मार्च 2024 वीरवार के दिन सुबह 04 बजकर 13 मिनट पर एकादशी तिथि समाप्त होगी। ऐसे में उदयतिथि के अनुसार एकादशी तिथि 6 मार्च 2024 बुधवार के दिन को रखा जाएगा।
विजया एकादशी का महत्व
विजया एकादशी को लेकर मान्यता है कि इस व्रत को रखने से व्यक्ति को विजय मिलती है। लंका विजय करने की कामना से बकदाल्भ्य मुनि के आज्ञानुसार समुद्र के तट पर भगवान राम ने इसी एकादशी का व्रत किया था।
जिसके प्रभाव से रावण का वध हुआ और भगवान रामचंद्र की विजय हुई।
विजया एकादशी पूजा विधि
1 विजय एकादशी के एक दिन पहले एक शुद्ध स्थान बनाएं और उस पर सप्त
अनाज रखें।
2 विजया एकादशी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें इसके बाद पूजा का मंदिर अच्छे से स्वच्छ कर लें
3 फिर उस पर सप्त अनाज रखें।
4 इसके बाद वहां पर चांदी, तांबे या मिट्टी का कलश स्थापित करें।
5 इसके बाद भगवान विष्णु की मूर्ति को स्थापित करें ।
6 फिर धूप, दीप, चंदन, फल, फूल और तुलसी आदि से भगवान विष्णु की पूजा करें।
7 व्रत रखने के साथ साथ विजया एकादशी व्रत की कथा का पाठ करें ।
8 रात्रि के समय श्री हरि के नाम का जाप और विष्णु सहस्रनाम’ का पाठ करें।