वेदों में, संक्रांति सूर्य की गति को एक राशि से अगले तक बताती है। अतः एक वर्ष में 12 संक्रान्तियाँ होती हैं। वर्ष में ये बारह दिन होते हैं जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में जाता है। मकर संक्रांति से सूर्य उत्तर दिशा की ओर गमन करने लगता है जिसे उत्तरायण भी कहते हैं। उत्तरायण को देवत्व का काल माना जाता है। हालाँकि पूरे वर्ष को शुभ माना जाता है, यह अवधि थोड़ी अधिक शुभ मानी जाती है। मकर संक्रांति को ‘पौष संक्रांति’ भी कहा जाता है, जिसे सबसे शुभ माना जाता है और यह उन कुछ हिंदू त्योहारों में से एक है, जो सौर चक्र के अनुरूप हैं। मकर संक्रांति का महत्व सिर्फ इसके धार्मिक तक ही सीमित नहीं है। वास्तव में, त्योहार फसल के मौसम की शुरुआत का भी प्रतीक है जब नई फसलों की पूजा की जाती है और उन्हें खुशी के साथ बांटा जाता है। मकर संक्रांति के साथ देश एक अंत और एक नई शुरुआत का जश्न मनाता है।
मकर संक्रांति मौसम में बदलाव की शुरुआत करता है, क्योंकि इस दिन से सूर्य दक्षिणायन (दक्षिण) से उत्तरायण (उत्तर) गोलार्द्ध में अपनी गति शुरू करता है, जो सर्दियों के अंत को को बताता है और वसंत की शुरुआत का प्रतीक है। यह ऋतुओं के परिवर्तन का उत्सव है एक धार्मिक अवसर और एक मौसमी अनुष्ठान दोनों सूर्य के मकर राशी में पारगमन को भी चिह्नित करता है।
मकर संक्रांति और इसकी धार्मिक मान्यताये बहुत सारी हैं, ऐसा कहा जाता है कि सूर्य “प्रत्यक्ष-ब्रह्म”, “पूर्णता का एक अभिव्यक्ति”, ज्ञान, आध्यात्मिक प्रकाश और ज्ञान प्रदान करता है, और इसलिए मकर संक्रांति एक देश भर में विशेष त्योहार, जहां सूर्य भगवान की पूजा की जाती है और आभार और प्रार्थना की जाती है। यह त्यौहार सूर्य भगवान के सम्मान में उनकी ऊर्जा की कृपा के लिए श्रद्धा अर्पित करने के लिए मनाया जाता है जिसने पृथ्वी पर जीवन और भोजन को सक्षम बनाया है।
मकर संक्रांति के अवसर पर, लोग गंगा, यमुना और अन्य पवित्र नदियों में डुबकी लगाकर स्नान करते हैं, मंत्रों का जाप करते हैं। नहाने के बाद भोजन तथा वस्तुए दान करने की भी सलाह दी जाती है। इस काल में किया गया कोई भी पुण्य कार्य या दान अधिक फलदायी होता है। जैसा कि यह फसल का त्योहार है, यह कृषक समुदायों में आनंद, प्रचुरता और उत्सव का समय है, वह समय जब वे अपने कठिन परिश्रम का फल प्राप्त करते हैं।
इसलिए भारत में मकर संक्रांति पर्व का अपना ही महत्व है। यह विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है।इस वर्ष मकर संक्रांति 14 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी।