कार्तिक अमावस्या को माँ लक्ष्मी , गणेशजी जी का पूजन विधि पूर्वक किया जाता हैं I माँ महालक्ष्मी सम्पतियों , सिद्धियों एवं निधियों की देवी हैं I भगवान श्री गणेश रिद्धि , सिद्धि , बुद्धि , शुभ , लाभ के स्वामी तथा सभी विघ्नी को हरने वाले हैं ये बुद्धि प्रदान करने वाले हैं इनके पूजन से सभी सुख , आनन्द मिलता हैं |
इस साल दिवाली (दीपावली) 14 नवंबर 2020, शनिवार को पड़ रही है। यह बेहद दुर्लभ संयोग है। ज्योतिषाचार्य राममेहर शर्मा के अनुसार, शनि का स्वराशि मकर में होना अत्यंत लाभकारी रहेगा। इसके दिवाली पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है। लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल के दौरान की जाती है जो सूर्यास्त के बाद शुरू होती है लक्ष्मी पूजा मुहूर्त शाम 05:28 बजे से रात 07:24 बजे तक है (अवधि: 01 घंटे 56 मिनट) इस साल नरक चतुर्दशी भी शनिवार, 14 नवंबर, 2020 को है।
दीपावली पर सामर्थ्य के अनुसार अपने घर को स्वच्छ करके तौरण – पताकाओं ,पुष्प मालाओं तथा बन्दनवारों से सजाना चाहिये | स्वच्छ वस्त्र धारण करे अथवा नवीन वस्त्र धारण करे | पूजन के लिए एक चौकी ले जिस पर लाल , सफेद , पीला वस्त्र बिछाये | माँ लक्ष्मी , गणेश जी की प्रतिमा पूर्व दिशा में मुख कर स्थापित करे | गणेश जी के दाहिने तरफ लक्ष्मी जी को स्थपित करे | माँ महालक्ष्मी के पास में अष्ट दल कमल का पूजन करे | घी व तेल का दीपक जलाए | जल से भरा ताम्बे का कलश रखे | किसी थाली मे 11 ,21 , 51 ,101 दीपों को जलाकर माँ के समीप रख उस ज्योति का “ ॐ दिपावलयै नम: ‘ इस मन्त्र से रोली मोली चावल से पूजन करे | भगवान गणेश का पूजन करे | सभी दीपों को सम्पूर्ण घर में सजाये |
इस प्रकार भगवती महालक्ष्मी का पूजन कर परिवार सहित माँ महालक्ष्मी जी की आरती करे | माँ लक्ष्मीजी कि पुजा अर्चना अपने सम्पूर्ण परिवार के साथ शुभ मुहूर्त में करें |माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिये मिश्री और इलायची का भोग लगाये | कई प्रकार की मिठाइयाँ , पकवान से माँ लक्ष्मी को भोग लगाये | माँ के जयकारे लगाये , साष्टांग प्रणाम कर आशीर्वाद प्राप्त करे |
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