चैत्र नवरात्रि बुधवार 22 मार्च से शुरू हो रही हैं। इस बार ग्रह नक्षत्रों का दुर्लभ संयोग बन रहा है, जिससे यह और भी शुभ रहेगा। कलश स्थापना के लिए भक्तों को 1 घंटे से अधिक का समय मिलेगा। चैत्र नवरात्रि में इस बार शुक्ल योग और ब्रह्म योग का संयोग होगा।
ब्रह्म योग
22 मार्च को सुबह 9 बजकर 18 मिनट से 23 मार्च सुबह 6 बजकर 16 मिनट तक
शुक्ल योग
21 मार्च की रात 12 बजकर 42 मिनट से 22 मार्च की सुबह 9 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। इस शुभ योग में पूजा-पाठ करने से साधक के सभी दुख दूर होते हैं। साथ ही नवरात्र में रवि पुष्य नक्षत्र के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग भी बनेगा, जिसकी वजह से नवरात्र पर्व और भी फलदायक होगा। इस बार मां दुर्गा का आगमन नौका पर होगा। यह भी शुभ संकेत है। नौका पर मां के आगमन से साधक की नैया डगमगाएगी नहीं, बल्कि भव-सागर से पार लग जाएगी।
कलश स्थापना का मुहूर्त
कलश की स्थापना ईशान कोण में ही करनी चाहिए। कलश स्थापना का मुहूर्त 22 मार्च को सुबह 06 बजकर 23 मिनट से 07 बजकर 32 मिनट तक रहेगा, यानी कलश स्थापना के लिए 1 घंटे 9 मिनट का समय मिलेगा।