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हिंदू धर्म में सूर्य संक्रांति का विशेष महत्व है। हर महीने संक्रांति मनाई जाती है, जिस दिन सूर्य एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं उस दिन संक्रांति का पर्व मनाया जाता है।
सावन माह में सिंह संक्रांति मनाई जाती है। सिंह संक्रांति के दिन पवित्र नदी में स्नान के बाद सूर्य देव की पूजा और दान करने से ऐश्वर्य, कीर्ति और बल की प्राप्ति होती है और व्यक्ति को आरोग्यता का वरदान मिलता है।
सिंह संक्रांति 2023 मुहूर्त
हिन्दू पंचांग के अनुसार सिंह संक्रांति 17 अगस्त 2023 गुरुवार को मनाई जाएगी। इस दिन सूर्य कर्क राशि से निकलकर दोपहर 01 बजकर 44 मिनट पर सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य का राशि परिवर्तन सभी राशियों पर शुभ-अशुभ प्रभाव डालता है।
सिंह संक्रान्ति पुण्य काल
17 अगस्त 2023 गुरुवार के दिन सुबह 06 बजकर 44 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 44 मिनट
सिंह संक्रान्ति महा पुण्य काल
सुबह 11बजकर 33 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 44 मिनट
सिंह संक्रांति पर सूर्य पूजा महत्व
संक्रांति का पर्व सूर्य देवता को समर्पित है। सिंह संक्रांति पर सच्चे मन से भगवान विष्णु और नरसिंह भगवान की उपासना करने से पाप कर्मों से मुक्ति मिलती है। सूर्य को अर्घ्य देने पर गंभीर रोगों का नाश होता है और व्यक्ति सुख, संपन्नता पाता है।
सिंह संक्रांति पर घी का सेवन करने की परंपरा है इसलिए इसे घी संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन घी खाने से राहु-केतु के दुष्प्रभाव में कमी आती है साथ ही व्यक्ति की बुद्धि, बल में वृद्धि होती है।
सिंह संक्रांति पूजा विधि
- इस दिन सूर्य को अर्घ्य देने के लिए तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें लाल फूल, लाल चंदन, गेहूं के कुछ दाने डालें।
- इसके बाद ‘ऊं आदित्याय नम:’ मंत्र का जाप करते हुए जल की धारा बनाकर सूर्य देव को जल चढ़ाए।
- तीन पर उसी स्थान पर परिक्रमा लगाएं और फिर गरीब और जरुरतमंदों को तांबा, गेंहू, गुड़, तिल आदि का दान करें।