fbpx
was successfully added to your cart.

Cart

इंदिरा एकादशी

By September 20, 2022 Blog

इंदिरा एकादशी

पितृ पक्ष के दौरान इंदिरा एकादशी का व्रत भी बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इससे मनुष्य जाति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती हैं और इस व्रत को करने से पुरखो एवम आने वाली वंशजों तक का उद्धार होता हैं। यह एकादशी आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन मनाई जाती हैं।
यह एकादशी श्राद्ध पक्ष में आने के कारण इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता हैं. इसे मनुष्य और पितरों की मोक्ष प्राप्ति का सहज मार्ग कहा जाता हैं।
हमारे पुराणों में इस बात के बारे में बताया गया है कि इस व्रत को करने से मनुष्य को यमलोक से मुक्ति मिलती है और यमलोक की यातना का सामना नहीं करना पड़ता है। श्राद्ध पक्ष में आने वाली इस एकादशी का पुण्य इतना है की अगर पितृगणों को मुक्ति दिलाने के लिए किया जाये तो नरक में गए पितृगण भी नरक से मुक्त होकर स्वर्ग चले जाते हैं।
इंदिरा एकादशी व्रत पूजा विधि
इस वर्ष 2022 में इंदिरा एकादशी 21 सितंबर को मनाई जाएगी। इस व्रत की पूजा विधि थोड़ी अलग है। पद्म पुराण के अनुसार, यह व्रत दशमी से ही शुरू हो जाता हैं। दशमी के दिन प्रातः स्नान कर घर में पूजा पाठ करे फिर दोपहर में नदी में स्नान करके तर्पण की विधि करे। श्राद्ध की विधि के बाद ब्राह्मणों को भोजन करवाए एवम स्वयं भी भोजन ग्रहण करें।
दूसरे दिन एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान वगैरह से निवृत्त होने के बाद व्रत करने का संकल्प लें। पितरों को याद करते हुए भगवान विष्णु की तस्वीर पर गंगाजल, पुष्प, रोली चढ़ाये। धूप, घी के दिए से उनकी आरती करे । भगवान विष्णु के भोग में तुलसी का प्रयोग जरूर करें। आरती के बाद फिर से श्राद्ध विधि करें एवम ब्राह्मणों को फलाहार करायें और ब्राह्मणों को दक्षिणा दें। भगवान विष्णु से पितरों के लिए माफी मांगें।
इसके बाद गाय, कौए एवम कुत्ते को भोजन से हिस्सा निकल कर दे। फिर पूरे परिवार के साथ भोजन ग्रहण करे। अगले दिन द्वादशी तिथि को व्रत का परण करना चाहिए।
व्रत के महत्वपूर्ण नियम
एकादशी व्रत रखने वाले व्यक्ति को कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। पूजा के वक़्त विष्णु सतनाम स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। व्रत करने वाले व्यक्ति को सदाचार और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इस दिन सात्विक भोजन करें और परनिंदा से बचना चाहिए। शास्त्रों में बताया गया है कि जो सात्विक आचरण करते हैं उन्हें भी पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन लहसुन, प्याज, बैंगन, मांस-मदिरा, पान-सुपारी और तंबाकू से परहेज रखना चाहिए।
इस प्रकार आप इंदिरा एकादशी का व्रत पूर्ण करके अपने और अपने पूर्वजों के लिए स्वर्ग का द्वार खोल सकते है।

Leave a Reply