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गंगा दशहरा: मान्यताओं और महत्व की जय-जयकार

By May 30, 2023 astrologer, Blog, Blogs

भारतीय सभ्यता में नदी मान्यताएं और उनका महत्व अपार होता है। इसी भावना के साथ हर साल मई-जून महीने में गंगा दशहरा मनाया जाता है। यह हिंदू परंपरा में एक प्रमुख त्योहार है जो गंगा नदी के पवित्र स्नान घाटों पर धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन मान्यताओं के अनुसार माता गंगा को अपनी अद्भुत शक्ति और शुभकामनाएं प्रदान की जाती हैं।

गंगा दशहरा नाम इसलिए प्राप्त करा है क्योंकि इस दिन गंगा नदी की पूजा और आराधना की जाती है, जिससे इस दिन का त्योहार नदी के महत्व को सादगी से दर्शाता है। गंगा दशहरा को दिल्ली, हरिद्वार, वाराणसी, पटना और उत्तर प्रदेश के कई अन्य स्थानों पर धूमधाम से मनाया जाता है।

गंगा दशहरा का महत्व धार्मिक और सामाजिक दोनों ही होता है। धार्मिक रूप से गंगा नदी को पवित्र माना जाता है और इसे भगवान विष्णु की आदिशक्ति माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने अपनी पहली विष्णुपत्नी देवी लक्ष्मी को भूमंडल पर आने के लिए धरा प्रदान की थी और इसके लिए वे अपने प्रयागराज रूप में प्रसिद्ध हुए। इसी दिन को गंगा दशहरा के रूप में मनाने का प्रसंग हुआ।

सामाजिक दृष्टि से भी गंगा दशहरा का महत्व बड़ा होता है। यह त्योहार मानवता को गंगा नदी की महत्वपूर्ण भूमिका के प्रतीक के रूप में याद दिलाता है। गंगा नदी भारतीय संस्कृति और परंपराओं की एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह मान्यता है कि गंगा नदी की जल से प्रभावित होने से सभी पाप धोने वाले होते हैं और वे मुक्ति प्राप्त करते हैं। इसलिए गंगा दशहरा के दिन लाखों लोग गंगा नदी में स्नान करने आते हैं और अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करते हैं।

गंगा दशहरा के दिन स्नान करने का महत्व अत्यंत उच्च होता है। इस दिन गंगा नदी के किनारे लोग धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ स्नान करते हैं और विभिन्न पूजाओं का आयोजन करते हैं। यह त्योहार गंगा के धार्मिक और सामाजिक महत्व को जीवंत रखता है और लोगों को गंगा नदी की सच्ची महिमा का अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है।

इस प्रकार, गंगा दशहरा एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो गंगा नदी की महिमा और महत्व को बखूबी दर्शाता है। यह त्योहार धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से उत्कृष्टता के साथ मनाया जाता है और लोगों को गंगा माता के पवित्र जल का संग्रह करने, स्नान करने और आराधना करने का अवसर प्रदान करता है। गंगा दशहरा के दिन लोग अपने पापों से मुक्ति की कामना करते हैं और गंगा नदी के पवित्र जल की ओर अपना प्रणाम समर्पित करते हैं।

गंगा दशहरा के दिन शुभ योगों का महत्वपूर्ण भूमिका होती है जो आपकी धार्मिक और मानसिक वृद्धि में सहायता प्रदान करते हैं। इस दिन गंगा नदी के पवित्र जल का स्नान करने से आपके शरीर, मन, और आत्मा को शुद्धि मिलती है और आपकी जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं।

गंगा दशहरा के दिन निम्नलिखित शुभ योगों को अपनाने से आप आध्यात्मिक और भौतिक स्तर पर उन्नति कर सकते हैं

    1. स्नान (अभिषेक): गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करने का विशेष महत्व होता है। यह आपको शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि प्रदान करता है और पापों की मुक्ति के लिए आपको आशीर्वाद देता है।
    2. मन्त्र जाप: इस दिन माता गंगा की आराधना के लिए मन्त्र जाप करना अत्यंत प्रभावी होता है। ‘ॐ गंगे नमः’ या ‘ॐ नमः शिवाय’ जैसे मन्त्रों का जाप करने से आप अपनी आत्मा को शांति और ध्यान में स्थिरता प्रदान कर सकते हैं।
    3. दान करें: गंगा दशहरा के दिन दान करना भी शुभ माना जाता है। आप गरीबों को भोजन, कपड़े, या दानशील विद्यालयों को योगदान कर सकते हैं। यह दान आपके धार्मिक सामर्थ्य को बढ़ाता है और सभी संघर्षों से आपको बचाने में सहायता करता है।
    4. पूजा-अर्चना: गंगा दशहरा के दिन माता गंगा की पूजा करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। आप घर पर या गंगा घाटों पर जाकर उन्हें फूल, दीप, अक्षत, और पुष्पांजलि सहित आराधना कर सकते हैं। इससे आपको आनंद, समृद्धि और धार्मिकता की प्राप्ति होती है

गंगा दशहरा के दिन इन शुभ योगों को अपनाकर आप अपने जीवन में पूर्णता, स्वस्थता, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति को प्राप्त कर सकते हैं। इस दिन के पवित्र अवसर पर गंगा माता की कृपा आपके ऊपर बनी रहे!

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