ऐसा कहा जाता है कीसुबह से शाम तक काम करके आदमी उतना नहीं थकता जितना क्रोध या चिंता से पल भर में थक जाता है। क्रोध एक प्रकार की आग होतीं हैं क्रोध में व्यक्ति स्वयं को ही जलता है । इसके अलावा क्रोध में व्यक्ति कई बार ऐसे काम कर बैठता है जिसके कारण उसकी गलती नहीं होते हुए भी अपने आपको कसूरवार बना बैठता है । क्रोध हमारे बुद्धि विवेक ज्ञान ऐश्वर्य और हमारे स्वास्थ्य को हमसे ऐसे चुरा ले जाता है कि हमे पता ही नही चलताI क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है ।
दिल्ली में सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषी कहते हैं मंगल को क्रोध, वाद विवाद, लड़ाई झगड़ा, हथियार, दुर्घटना, एक्सीडेंट, अग्नि, विद्युत आदि का कारक ग्रह माना गया है ज्योतिष मेंमंगल और राहु के योग को बहुत नकारात्मक और उठापटक कराने वाला योग माना गया है । उन्होंने बताया यदि जन्मकुंडली में सूर्य और चंद्रमा, मंगल ग्रह एक-दूसरे के साथ किसी रूप में सम्बद्ध है तो व्यक्ति के अन्दर क्रोध अधिक रहता है। इसके अलावा मंगल शनि की युति क्रोध को जिद के रूप बदल देती है।
अगर आप भी अपने गुस्से के कारण परेशान हो गए है और अपने गुस्से पर काबू पाना चाहते है क्रोध से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय लाभकारी होंगें—
- अध्यात्मिक पुस्तकें पढ़े और अध्यात्मिक विडियो देखें ।
- क्रोध पर नियंत्रण करने के लिए ध्यान और योगासन सबसे बढ़िया उपाय है जब भी समय मिले इसे जरूर करें ।
- मांसाहार ,जंक फूड ,और शराब आदि का सेवन ना करें या बिल्कुल कम कर देना चाहिए ।
- नियमित तौर पर सूर्य देव को अर्घ्य दें। इससे मन शांत रहता है।
- ॐ अंग अंगारकाय नमः का नियमित जाप करें।
- हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- प्रत्येक शनिवार को साबुत उडद का दान करें।
- प्रत्येक मंगलवार को गाय को गुड़ खिलाएं। आठ मीठी रोटी कोयों को या कुत्तों को डालनी चाहिएं।
- प्रतिदिन मस्तक पर सफ़ेद चन्दन का तिलक लगाएं।
- उपाय के तोर पर चांदी का बेजोड़ छला या कडा धारण सोमवार को करने से क्रोध में कमी आती है।
- चांदी के गिलास में पानी और दूध का सेवन करें।
- बड़े बजुर्गों के चरण स्पर्श करना और उनसे आशीर्वाद लेना क्रोध की शांति के लिए रामबाण है।
शालीमार बाग के प्रसिद्ध ज्योतिषी पं. राम मेहर शर्मा के अनुसार अगर किसी जातक को छोटी-छोटी बात पर क्रोध आता हो, मन शांत रखने के लिए मोती धारण करना लाभकारी होता है। इस रत्न के प्रभाव से गुस्से पर कंट्रोल कर पाने में जातक सफल हो जाता है। योग्य एवम अनुभवी ज्योतिषाचार्य से परामर्श कर के ताम्बे में मूंगा या चांदी में मोती धारण करना चाहिए।