सूर्य हिंदू धर्म में सबसे शक्तिशाली देवताओं में से एक है। सूर्य महान क्षमताओं और शक्तियों वाले भगवान है। वह प्रकाश का परम स्रोत और ब्रह्मांड की उत्पत्ति है। हर दिन सुबह के समय, सैकड़ों भक्त मंत्रों का जाप करते हुए सूर्य देवता को जल चढ़ाते हैं। युगों से हिंदू समाज सूर्य उदय के समय सूर्य को जल अर्पित करने की प्रथा का पालन करता आ रहा है।
रोज सुबह सूर्य की पूजा करने से ऊर्जा, आत्मविश्वास बढ़ता है और संचार में सुधार होता है। अधिकतर, जो लोग सफलता, साहस, शक्ति और स्वस्थ शरीर चाहते हैं, उन्हें सूर्यदेव की पूजा करनी चाहिए। सूर्य की पूजा शुरू करने से पहले स्नान करना सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह आपके शरीर, आत्मा और मन को शुद्ध करता है।
दिल्ली के प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित राममेहर शर्मा जी के अनुसार सुबह सूर्य को जल अर्पित करने की यह प्रथा, किसी के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाती है। आइए देखते हैं कि किसी व्यक्ति के जीवन में सूर्य को जल अर्पित करने से क्या प्रभाव होता है:
• जल अर्पित करते समय गायत्री मंत्र का पाठ करने से जीवन में दुखों को दूर करने में मदद मिलती है, जिससे मानसिक शांति मिलती है।
• सुबह की सूर्य की किरणों की गर्माहट और सकारात्मकता आपको पूरे दिन ऊर्जावान और आशावादी बनाए रखती है।
• सुबह सूर्य को जल अर्पित करने वाले व्यक्ति को सूर्य घर में शांति और समृद्धि प्रदान करते है।
• सूर्य नमस्कार करने से मन, शरीर और आत्मा का सामंजस्य होता है, इस प्रकार, संतुलन और संतोष पैदा होता है।
दिल्ली में सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषी के अनुसार सूर्य को जल अर्पित करते समय कुछ नियमों का पालन करना चाहिए:
• सूर्य को जल अर्पित करने के लिए एक तांबे के बर्तन का उपयोग करें।
• दोनों हथेलियों को सम्मिलित करके सूर्य को जल अर्पित करें।
• जल चढ़ाते समय सीधे सूर्य की ओर न देखें, जल अर्पित करते वक़्त आप सूर्य की किरणों को उसी जल में देखे।
• सूर्य नमस्कार करते हुए ओम सूर्याय नमः का जाप करें।
कुंडली में ग्रहों के स्थान के आधार पर हर व्यक्ति पर सूर्य के कुछ विशिष्ट प्रभाव होते हैं। अपने जीवन में ग्रहों की स्थिति के प्रभाव को समझने और सफलता और खुशी प्राप्त करने के लिए आप पंडित राममेहर शर्मा जी से संपर्क कर सकते है।